Tuesday, September 13, 2011

वोह शख्स

एक मुलाक़ात में ज़िन्दगी खरीद लेता है
वोह शख्स जब मुस्कुराकर मिलता है...

राहों में उसके गुलाब बिखर जाते है
वोह शख्स जब मेरी गलियों से गुज़रता है...



चाँद भी शरमाकर बादल में छुप जाता है
वोह शख्स जब रात में निकलता है...

थम जाती है हवा, यह फिजा, यह धड़कन रोमिल 
वोह शख्स जब प्यार से मेरा नाम पुकार लेता है...

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