रोमिल, खुदा जाने की उसे याद भी है की नहीं
मैंने एक ख़त लिखा था उसे अपने मरने से पहले...
मैंने एक ख़त लिखा था उसे अपने मरने से पहले...
न जलाने का उसमे ज़िक्र था
न कब्र में डालने का उसमे ज़िक्र था
बाहों में भर लो मुझे, यह ज़िक्र किया था मरने से पहले...
न कब्र में डालने का उसमे ज़िक्र था
बाहों में भर लो मुझे, यह ज़िक्र किया था मरने से पहले...
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