राह में मशाल जलाये रहती थी
मुझको ज़िन्दगी की ठोकरों से बचाए रहती थी...
यम नहीं आता था मेरे करीब
दुआओं की ऐसी ताबीज़ पहनाई रहती थी...
गायब हो जाते थे मेरी आंसू पल भर में ना जाने कहाँ
वो खुशियों की ऐसी चादर मुझे उड़ा देती थी...
एक रोज़ ऐसा हुआ मैं रात को भूखा सो गया
रोमिल, एक रोज़ ऐसा हुआ मैं रात को भूखा सो गया
उस रोज़ से मेरी माँ मुझे बिना खिलाये नहीं सोती थी...
मेरे गुस्से पर भी प्यार बरसाती थी
मेरी माँ ऐसी ममता की मूरत होती थी...
#रोमिल
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