Wednesday, February 1, 2012

पिछले तीस सालों से तुझसे प्यार पाया था

पिछले तीस सालों से तुझसे प्यार पाया था
मैंने अपने जीवन में अदभूत खुशियों का संसार पाया था.

सीखा था तुझसे दुःख के पहाड़ पर, सुख के कमल खिलाना
मैंने ज़िन्दगी की डोर का अजब सा झूला पाया था.

पल-पल आँखों में सजते स्वपन प्यारे थे
मैंने आंधियों में भी दीपक जलने का हुनर पाया था.

तुझ पर फूल चढ़ाएँ माँ या खुद निछावर हो जाएँ    
मैंने तुझसे जीवन का अनमोल खज़ाना पाया था.

पिछले तीस सालों से माँ तुझसे प्यार पाया था.
रोमिल ने अपने जीवन में अदभूत खुशियों का संसार पाया था.

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