प्रभु ने भी माँ का सदा किया गुणगान
कभी कृष्ण तो कभी राम बनकर, पुत्र बना भगवान.
प्रभु ने भी माँ का सदा किया गुणगान...
उसकी ममता में आंगन-आंगन खेला
कभी माखनचोर तो कभी ठुमक - ठुमक चलत भगवान.
प्रभु ने भी माँ का सदा किया गुणगान...
माँ के हाथों से भोजन किया, अमृतजल पिया
कभी मुख में सौरमंडल दिखाए भगवान.
प्रभु ने भी माँ का सदा किया गुणगान...
संग - संग, खेल खेले, पीछे- पीछे दौड़ाए
कभी आशीष पाए, कभी चरण कमल दबाये भगवान
रोमिल प्रभु ने भी माँ का सदा किया गुणगान...
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