Thursday, February 2, 2012

माँ जब याद तुम्हारी आती है...

माँ जब याद तुम्हारी आती है, आँखों से नीर बह जाती है
व्याकुल मन तुझे पुकारता है, चारों ओर उदासी छा जाती है.
माँ जब याद तुम्हारी आती है...

बैठा रह जाता हूँ चौखट पे, सारी रैन बीत जाती है.
सारी सुधि बुद्धि पल भर में खो हो जाती है.
माँ जब याद तुम्हारी आती है...
करुणा से भरे शब्द मुख से निकलते है
आँखें मंदिर की ओर खीची चली जाती है
माँ जब याद तुम्हारी आती है...

फूलमाला से लिपटी जब तस्वीर तुम्हारी देखता हूँ
आत्मा से एक चीख-पुकार निकल आती है.
माँ जब याद तुम्हारी आती है...

माँ जब याद तुम्हारी आती है, आँखों से नीर बह जाती है
व्याकुल मन तुझे पुकारता है, चारों ओर उदासी छा जाती है.
माँ जब याद तुम्हारी आती है... रोमिल...

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