Friday, February 24, 2012

माँ याद है...

माँ याद है आप गरमा गर्म जलेबा लाते थे
(वो बड़ी बड़ी वाली...)
वो प्रेमीएर वाली मीठी ब्रेड खिलाते थे
खोया और बूंदी से बने लड्डू बहुत ही लज़ीज़ होते थे
आलू पापड़ी चाट के आते ही हम भागे आते थे. 
याद है ना माँ...

हमको तो वो दुकाने भी नहीं पता जहाँ से माँ आप रोमिल के लिए यह सब लेकर आते थे...
सच्ची बाबा... सच्ची... लव यू...

#रोमिल

No comments:

Post a Comment