Friday, February 24, 2012

माँ मेरे साथ नहीं...

दुनिया कहती है,
मुझमे हौसला है,
विश्वास है,
खवाब है,
कुछ कर दिखाने का जूनून है,
अगर कुछ है नहीं तो मुक़द्दर तेरे साथ नहीं...
और
मैं कहता हूँ,
माँ मेरे साथ नहीं...

दुनिया कहती है,
मंजिल तुझे पता है,
राहों में चाहे कितने भी कांटें बिछे हो,
उस पर चलने से तू डरता नहीं,
अगर कुछ है नहीं तो मुक़द्दर तेरे साथ नहीं...
और
मैं कहता हूँ,
माँ का हाथ मेरे हाथ में नहीं...
दुनिया कहती है,
शिव पर हमेशा विश्वास करता है,
हर एक के दर्द को तू अपना दर्द समझता है,
सबकी ज़िन्दगी में खुशिया देना चाहता है,
तुम्हारी इन आँखों में हर एक के लिए सपने तमाम है,
अगर कुछ है नहीं तो मुक़द्दर तेरे साथ नहीं...
और
मैं कहता हूँ,
माँ जैसा गुरु मेरे साथ नहीं...


रोमिल का मुक़द्दार तो है माँ,
अगर माँ साथ नहीं तो मुक़द्दर मेरे साथ नहीं...

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