Friday, March 2, 2012

माँ तेरे लिए लाया हूँ

माँ तेरे लिए लाया हूँ

कुछ अधूरे खवाब, कुछ फूल और कुछ मोमबत्तियां
बड़े सरेज के रखे थे दुखभरी ज़िन्दगी में
कुछ अधूरे खवाब, कुछ फूल और कुछ मोमबत्तियां.

अपनी उँगलियों से पकड़ कर तुझे साथ चलाना चाहता था
भाग दौड़ से भरी ज़िन्दगी में तुझे अपनी गोद में आराम कराना चाहता था
मेरा संगीत जगाता तुझे
मीठी लय से तुझे सुलाना चाहता था
माँ तेरे लिए लाया हूँ
कुछ अधूरे खवाब, कुछ फूल और कुछ मोमबत्तियां.

मधुर बच्चों सी हंसी तेरे होंठो पर चाहता था
माथे पर तेरे चाँद चाहता था
तारों की तरह हमेशा तेरे चारों तरफ रहना चाहता था
तेरे सारे जीवन का भार उतार देना चाहता था
माँ तेरे लिए लाया हूँ
कुछ अधूरे खवाब, कुछ फूल और कुछ मोमबत्तियां.

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