शाम की लालिमा में जा फँस जाता है
सूरज डूब जाता है.
बड़ा समझाता हूँ अपने नादान से दिल को
यह फिर घर की चौखट पर नज़र आता है.
घर की दीवारें देखकर यह मन कहता है
माँ का चेहरा हर जगह नज़र आता है.
काट दी जाती है जिस तरह डाली पेड़ से
माँ से जुदा होने के बाद बेटा उस तरह नज़र आता है.
जो शख्स संभाल के रखना चाहता था उसकी इज्ज़त
उसी शख्स को वो इंसान बेशर्म नज़र आता है.
सूरज डूब जाता है.
बड़ा समझाता हूँ अपने नादान से दिल को
यह फिर घर की चौखट पर नज़र आता है.
घर की दीवारें देखकर यह मन कहता है
माँ का चेहरा हर जगह नज़र आता है.
काट दी जाती है जिस तरह डाली पेड़ से
माँ से जुदा होने के बाद बेटा उस तरह नज़र आता है.
जो शख्स संभाल के रखना चाहता था उसकी इज्ज़त
उसी शख्स को वो इंसान बेशर्म नज़र आता है.
#रोमिल
No comments:
Post a Comment