Friday, March 16, 2012

माँ के उपकारों को भूल जाना चाहता नहीं.

मुझे अंग्रेजी भाषा के शब्दों में अरुचि रहती थी
मेरी माँ अंग्रेजी स्कूल में जो पढ़ाती थी.
गोदी में उसकी लेटकर
मैं शब्दों को सिखा करता था
कभी A से APPLE तो कभी B  से BALL  लिखा करता था.

कला में हमेशा खोया रहता था
सपनो को बनाता, बिगाड़ा करता था.
कभी स्लेट पर पहाड़ी, बहती हुई नदी, उगते हुए सूरज के साथ घर बनाता था
तो कभी साड़ी का बोर्डर बनाकर माँ को दिखाता था.

गणित में मेरे पाँव हमेशा डगमगा जाते थे
पर न जाने कैसे इतने अच्छे मार्क्स आ जाते थे
आज भी त्रिकोण, दशमलव मेरी समझ के बाहर है
माँ को भी तो गणित पढ़ाते पसीने आ जाते थे.

कितने बरस तक यह पल याद रहेंगे
पढाई की बातें, दशा याद रहेगी
मन इनसे पीछा छुटाना चाहता नहीं
माँ के उपकारों को भूल जाना चाहता नहीं. 

- रोमिल

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