Saturday, April 14, 2012

आज भी याद है वोह बातें

जामुन के पेड़ से जामुन तोड़ना
कडकडाती दोपहर में नंगे पाँव भागना
माँ की डांट खाना
छत में पड़ी खटिया पर चादर ओढ़कर सो जाना.


आज भी याद है वोह बातें
चहरे पर मुस्कान खिला जाती हैं वोह बातें...


दोस्त के कंधे पर सर रखना
कानों में फुसफुसाना
सड़क पर जोर से गाते हुए जाना
माँ का भाषण सुनना.



आज भी याद है वोह बातें
चहरे पर मुस्कान खिला जाती हैं वोह बातें...


हैंडपंप के हत्थे पर झूलना
घरों की घंटी बजा कर भागना
माँ की मार खाना, रोना
आइसक्रीम पाकर फिर मुस्कुराना.



आज भी याद है वोह बातें
चहरे पर मुस्कान खिला जाती हैं वोह बातें...


- रोमिल

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