(1)
Dar-o-deewar par parchai chhod jaunga
yaad karega yeh shehar woh kahani chhod jaunga
tum mujhse chahe kitna bhi chupa lo yeh chehara
main tere chehare par apne pyar ki nishani chhod jaunga.
दर-ओ-दीवार पर परछाई छोड़ जाऊंगा
याद करेगा यह शहर को कहानी छोड़ जाऊंगा
तुम मुझसे चाहे कितना भी छुपा लो यह चेहरा
मैं तेरे चेहरे पर अपने प्यार की निशानी छोड़ जाऊंगा.
(2)
Tractor ke yug mein bhi log kheton mein hal chalate hai
mobile ke daur mein bhi log chittiyon se ishq farmate hai
computer ke daur mein bhi log kitabon se padate-padhate hai
hum garib log hai saheb rishta jodate hai to umar bhar nibhate hai.
ट्रैक्टर के युग में भी लोग खेतों में हल चलाते हैं
मोबाइल के दौर में भी लोग चिट्ठियों से इश्क़ फ़रमाते हैं
कंप्यूटर के दौर में ही लोग किताबों से पढ़ते-पढ़ाते हैं
हम गरीब लोग हैं साहेब रिश्ता जोड़ते हैं तो उम्रभर निभाते हैं...
(3)
mitti ke saman par warranty kaun dega
tum jaisa dost humko fir milega is baat ki guarantee kaun dega.
मिट्टी के समान पर गारंटी कौन देगा
तुम जैसे दोस्त हमको फिर मिलेगा इस बात की गारंटी कौन देगा...
(4)
Patjhad ke mausam mein pauda kaun lagayega
sab agar dushman ban gaye, fir kandha kaun uthayega
mujhe yunh na tanhai ki maut maar mere humdum
tu chala gaya to fir mujhe jeene ka saleeqa kaun seekhayega.
पतझड़ के मौसम में पौधा कौन लगाएगा
सब अगर दुश्मन बन गए, फिर कंधा कौन उठाएगा
मुझे यूं ना तन्हाई की मौत मार मेरे हमदम
तू चला गया तो फिर मुझे जीने का सलीक़ा कौन सिखाएगा...
(5)
insaani fitrat se kahan waqif ho paoge
ek chehare pe dus chehare lagaye rehte hai
jinko hum samajhate hai apna
woh hi hum par sau ilzaam lagaye rehte hai.
इंसानी फ़ितरत से कहां वाकिफ़ हो पाओगे
एक चेहरे पे दस चेहरे लगाए रहते हैं
जिनको हम समझते हैं अपना
वो ही हम पर सौ इल्ज़ाम लगाए रहते हैं...
(6)
Jab soge tab yeh khawab aayega
Lucknow mein bichada koi dost yaad aayega
subah utoge jab tum, milengi palkein bheegi
aur honthon par bas hamara naam aayega.
जब सोगे तब यह ख़्वाब आएगा
लखनऊ में बिछड़ा कोई दोस्त याद आएगा
सुबह उठोगे जब तुम, मिलेंगी पलकें भीगी
और होंठों पर बस हमारा नाम आएगा...
(7)
Kisi ko humne nahi chhoda
Kisi ne humko nahi chhoda
ab kya kaha-suni kare hum zindagi se
kambakht zindagi ne hamara saath na chhoda.
किसी को हमने नहीं छोड़ा
किसी ने हमको नहीं छोड़ा
अब क्या कहासुनी करें हम ज़िन्दगी से
कम्बख़्त ज़िन्दगी ने हमारा साथ ना छोड़ा...
(8)
Sukr hai unko hamari yaad to aai
hamari dua kuch sabab to lai
woh wahan kar rahe hai humko yaad
aur dekho humko hichaki yahaan aai.
शुक्र है उनको हमारी याद तो आई
हमारी दुआ कुछ सबाब तो लाई
वो वहां कर रहे हैं हमको याद
और देखो हमको हिचकी यहाँ आई...
#Romil
#रोमिल
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