खुशियाँ हमारे सर-ए-ताज होंगी
जब माँ हमारे साथ होगी.
लब खामोश रहेंगे न हिल सकेंगे
नज़रे आसमान-ए-हद को पार कर खुदा के दर पर होंगी.
दूरियों के सब फासले हम मिटा देंगे
जन्नतें ज़मीन पर होंगी.
चाँद-तारे ज़मीन पर गुल-ओ-गुलज़ार हो रहे होंगे
एक बच्चे की तमन्ना पूरी हो रही होगी.
और
मेरे मरते हुए दिल को कुछ तो जरुर मिली होगी मदद
जब उसने मुझे कडवाहट भरी बातें कहीं होंगी।
- रोमिल
No comments:
Post a Comment