कलम उठाओ और माँ के नाम ख़त लिखो
आँखों का नर्म होना लिखो होंठों की मुस्कान लिखों
किस कदर बिताये है दिन-रात लिखो
सुबह का अकेलापन लिखो रात का सूनापन लिखो
मिलने की खवाइश लिखों
साथ रहने के ख़यालात लिखों
और
जी कहता है उसकी ग़लतफ़हमियाँ दूर करो
मोहब्बत की शुरुआत लिखो
यह भी सच है
जी कहता है उसकी कुछ न सुनो उसको कुछ न लिखों।
- रोमिल
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