क्या रिश्ता अब किसी से मेरा
वास्ता था तो माँ बस तुझी से मेरा
चहरे पर लगाकर ख़ुशी का नकाब फिरता हूँ
किसको सुनाऊँ हाल-ए-दिल मेरा
ज़िन्दगी ने इतना सताया है
मौत से भी टूट चूका है उम्मीद-ए-रिश्ता मेरा
किस पर करे ऐतबार हम खुदा
हर अपना ही निकला है गद्दार मेरा
और
दुनिया से बस इतना ही कहना हैं
मरने से पहले
दुनिया से बस इतना ही कहना हैं
सनम-ए-खुदा है कातिल मेरा
- रोमिल
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