Kaisa unse masumiyat-ishq ka jaal pehlaya tha
Aaj bhi dil, zakhmi panchi ki tarah ussi mein fhas kar fhadfadate rehta hai...
#Romil
कैसा उसने मासूमियत-इश्क का जाल फैलाया था
आज भी दिल, जख्मी पंछी की तरह उसी में फँसकर फड़फड़ाते रहता है...
#रोमिल
Mumkil hai tumhein ishq bhi pehchan na paaye
Itni baar jo bewafai ki hai tumne...
#Romil
मुमकिन है तुम्हें इश्क भी पहचान ना पाए
इतनी बार जो बेवफाई की है तुमने...
#रोमिल
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