चलो लुफ्त गर्मियों का उठाते हैं
नुक्कड़ की किसी दुकान पर गन्ने का रस पीने जाते है
फिर किसी बाग़ में झूला झूलते हुए आम चूसते है...
चलो लुफ्त गर्मियों का उठाते हैं...
बाग़ के पास जो बहती हुई नदी है
चलो उसमें छई छप्पा छई खेलते है
फिर वहीँ किनारे पर मिट्टी का चूल्हा बनाकर चाय बनाते है
पीते है
चलो लुफ्त गर्मियों का उठाते हैं...
रात में हल्की-हल्की चलती हुई हवा में कहीं बाहर हम दोनों आइसक्रीम खाने जाते हैं...
बस पैदल दूर तक हाथ पकड़े चलते जाते हैं...
चलो लुफ्त गर्मियों का उठाते हैं...
चलो लुफ्त गर्मियों का उठाते हैं...
#रोमिल
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