Sunday, July 13, 2014

चलो अब कुछ मीठा बोल दो !

सुनकर तुम्हारी बातें
रोते हुए कटी है रातें
दिन भी मरा-मरा सा बीता है
शाम भी रोई-रोई सी आई है। 

खुद पर कोई सितम न ढाओ   
जो सज़ा देनी है मुझे दे दो

चलो अब कुछ मीठा बोल दो !

#रोमिल

यह घर ख़रीदना मेरी हसरत है
मेरी चाहत है 
मेरा ज़िन्दगी-ए-सुकून है
मैं इस घर को खरीदने के लिए हर सौदा करने को तैयार हूँ
इस घर की चौखट पर मेरी माँ ने आख़िरी सांसें जो ली थी। 
#रोमिल

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