Monday, September 15, 2014

कच्ची मिट्टी का है यह ज़िस्म न जाने कब ढेह जाये

कच्ची मिट्टी का है यह ज़िस्म न जाने कब ढह जाये,
तुम ग़र बाहों में इसे जकड़ो, तो पल में तुममें मिल जाये।

#रोमिल

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