बदनाम बड़ा हो गया
जब से तेरी नज़र में आया मेरा नाम बड़ा हो गया...
जवाब तोह सब तूने ही दिए
मैं तो सिर्फ दुनिया के लिए सवाल हो गया...
इलज़ाम क्या हैं यह भी न जाना तमाम उम्र
मुजरिम मैं सरेआम हो गया...
मेरी नजर में जो बन न सका इंसान
सुना हैं वोह दुनिया के लिए मिसाल हो गया...
मेरी खुशियों को बर्बाद करके मनाता रहा जश्न
वोह इंसान महफ़िलो की शान हो गया...
बदनाम बड़ा हो गया
जब से तेरी नज़र में आया मेरा नाम बड़ा हो गया...
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