Tuesday, November 30, 2010

ओह्ह्ह मेरे यार...

यूं भी कुछ पल होंगे अपने...
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एक काफी
और सर्दी की रात
कम्बल में हो हम दोनों साथ
और बजे प्यार की गिटार
ओह मेरे यार...
ओह्ह्ह मेरे यार...
ओह्ह्ह मेरे यार...
*
एक छत्री
और बारिश हो लाजवाब
हाथो में पकडे दोनों हाथ
साथ में बादल मारे जोर से किक  
और बजे प्यार की गिटार
ओह मेरे यार...
ओह्ह्ह मेरे यार...
ओह्ह्ह मेरे यार...
*
एक आइस क्रीम  
और चांदनी रात
बेंच पर बैठे हो हम दोनों पूरी रात
और बजे प्यार की गिटार
ओह मेरे यार...
ओह्ह्ह मेरे यार...
ओह्ह्ह मेरे यार...
*
एक साइकिल
और सुहानी शाम
पहाड़ों पर चलते रहे हम बस यूं ही यार
और बजे प्यार की गिटार
ओह मेरे यार...
ओह्ह्ह मेरे यार...
ओह्ह्ह मेरे यार...
[WRITTEN BY ROMIL - COPYRIGHT RESERVED]

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