Wednesday, December 29, 2010

Bas Aise Hi...

भगवान् भी गोरे-काले में फर्क करते हैं...
सुना हैं...
काले कुत्ते को रोटी खिलाओ तो जल्दी सुनते हैं...
*
धार्मिक किताबों के पन्ने पलटते रहे
मगर कहीं यह न मिला
इसे बिस्तर पर बैठ कर पढ़ने से ज्ञान नहीं मिलाता...
*
मैंने कभी किसी जानवर को धर्म पर चलते नहीं देखा
न जाने क्यों इनको 
इंसान धर्म में बांट देता हैं...
*
कहीं मूर्ति के लिए विशाल मंदिर बनवाया जाता हैं
कही कोइए मूर्ति को पेड़ के नीचे अपमानित होने को छोड़ आता हैं... 
[written by romil - copyright reserved]
   

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