जब वोह अकेली होगी
इस सर्दी के मौसम में बर्फ सी होगी.
जब मेरे एहसास से लिपटी होगी
पानी सी पिघल गए होगी...
*
चाँद को देखा होगा इतराते हुए
घूँघट में धक् गए होगी.
तस्वीर को मेरी चुमते हुए
इंतज़ार कर रही होगी...
*
गहनों से सजी सवरी होगी
पायल भी उसकी खनक रही होगी.
जब किसी ने दरवाज़ा खटखटाया होगा
सीडियो से दौर कर उतरी होगी...
*
मुझे न देख कर
नज़ारे नीचे की होगी
फिर वोह तनहा छत पर गए होगी
इस सर्दी के मौसम में बर्फ सी होगी.
[written by Romil - copyright reserved]
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