Wednesday, December 8, 2010

चलो गम की बारिश में भीग लेते है...

चलो गम की बारिश में भीग लेते है
किस्से पुराने कह लेते है..
*
हर तरफ छाए हुए है गर्दिशो के बदल
चलो कुछ पल साथ बैठ लेते है
किस्से पुराने कह लेते है..
*
नींद का हल्का - हल्का गुलाबी सा झोखा आ रहा है
चलो कुछ पल तुम्हारे आँचल में सो लेते है
लेट लेते है...
किस्से पुराने कह लेते है...
*
बेचैनी बहुत है
घबराहट भी बहुत है
आज यह ज़ंजीर तोड़ देते है
चलो कुछ पल बीते गिले शिकवे कह लेते है   
किस्से पुराने कह लेते है...
*
आदत कुछ ऐसे बनी हुई है अपनी रोमिल
जिस किसी से मिले,
रिश्ता अपना जोड़ लेते है
चलो कुछ खवाबो में खो लेते है
किस्से पुराने कह लेते है...

#रोमिल

1 comment:

  1. SULAGTI ZNDGI SE MAUT AA JAYE TO BEHTAR HAI,
    HUM SE DIL KE ARMANO KA.
    AB MATAM NAHI HOTA

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