यह धरती
यह अम्बर
झूम सा जाता है....
तुझे देख कर नशा आ जाता है....
*
बारिश भी मस्त होकर बरसने लगती है
सुखी नदी पर भी जवानी का रंग का जाता है
तुझे देख कर नशा आ जाता है....
*
पहाड़ियां गुनगुनाने लगाती है
फूल पट्टियां इतराने लगाती है
टूटे हुए मकान में रूप आ जाता हैं
तुझे देख कर नशा आ जाता है....
*
सोचता हूँ तुझे मंदिर में सजा लूं
इबादत का मुझमे खुमार छा जाता हैं
तुझे देख कर नशा आ जाता है....
[Written by Romil - copyright reserved]
RAAT KE AGOSH ME AA JEY GR KHYAL USKA,
ReplyDeleteTO,
SUBH BISTER SE BHI PHOOLO KE MEHAK AATI HAI
Khoobsurat...
ReplyDeletetera khawabon mein aane wala bhi kitna haseen hoga...
yahaan to log nazaron ke samne bhi dil mein nahi utar pate...