Tuesday, August 9, 2011

बारिश कोई भूली सी कहानी कह जाती है

बारिश कोई भूली सी कहानी कह जाती है
जानी सी पहचानी सी जिंदगानी कह जाती है

अक्सर आसमान से गिरते पत्थर मुझे दिल टूटने का एहसास दिला देते है
अक्सर बारिश की छम-छम सी आवाज़ मेरी आँखों से आंसू गिरा जाते है
अक्सर खिड़की पर बैठकर दूसरे को बारिश का मजा लेते देखना मुझे मेरी मजबूरी बता जाते है
अक्सर घर की टूटी हुई छत से गिरता पानी मुझे आंसू से भीगे खतों की याद दिला जाते है...

रोमिल, बारिश कोई भूली सी कहानी कह जाती है
जानी सी पहचानी सी जिंदगानी कह जाती है...

#रोमिल

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