वोह बूढ़ा पेड़
जो अपनी कहानी ख़ुद कहता हुआ
अपनी बीती हुई जवानी की दास्तान सुनाता हुआ...
***
कितना खुश होता था
जब मैं उसकी बाहों में झुला, झुला करता था
उसकी गोद में सोता था...
***
कितना खुश होता था
वो मुझे खुश देखकर
जब शरारत करते हुए, उसकी डाली से मैं गिर जाता था
गुस्से में फिर उसको पत्थर मारता था, वोह मुझको देखते हुए मुस्कुराता रहता था...
~
धीरे-धीरे मैं उसकी छाँव में जवान होता गया
और वोह बूढ़ा होता गया
जैसे रोमिल मेरी माँ हैं....
जो अपनी कहानी ख़ुद कहता हुआ
अपनी बीती हुई जवानी की दास्तान सुनाता हुआ...
***
कितना खुश होता था
जब मैं उसकी बाहों में झुला, झुला करता था
उसकी गोद में सोता था...
***
कितना खुश होता था
वो मुझे खुश देखकर
जब शरारत करते हुए, उसकी डाली से मैं गिर जाता था
गुस्से में फिर उसको पत्थर मारता था, वोह मुझको देखते हुए मुस्कुराता रहता था...
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धीरे-धीरे मैं उसकी छाँव में जवान होता गया
और वोह बूढ़ा होता गया
जैसे रोमिल मेरी माँ हैं....
#रोमिल
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