न मक्का, न काशी में मिला
मुझे तो रब, माँ में मिला.
न दुनिया के किसी कोने में मिला
मुझे सुकून - चैन माँ की गोद में मिला.
हर जगह ढूंढी दो पल की ख़ुशी
मुझे ख़ुशी का पिटारा माँ में मिला.
हर किसी को परख के देखा दुनिया में रोमिल
मुझे मेरा अपना सिर्फ माँ में मिला.
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