Monday, February 13, 2012

अम्मा

जब मुझे छोड़कर गई अम्मा
ममतामय ज़िन्दगी सुनी हो गई
तब समझ आई क्या होती है अम्मा.

खट्टी-मीठी चटनी जैसी
खट्टे-मीठे आचार जैसी
कभी प्यार से समझाए, कभी डांटे अम्मा.

आँगन में तुलसी जैसी
गागर में गंगा जल जैसी
घर में सबसे प्यारी, सबसे अच्छी अम्मा.

मंदिर में दीप जैसी
अँधेरे में प्रकाश जैसी
सबको ज्ञान देती अम्मा
रोमिल, सबको ज्ञान देती मेरी अम्मा.

#"रोमिल

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