Tuesday, February 28, 2012

प्यार की झोली समेट कर माँ चली गई ज़िन्दगी समेट कर

प्यार की झोली समेट कर
माँ चली गई ज़िन्दगी समेट कर

मैं दर पर खड़ा रहा अकेला
माँ चली गई राहें समेट कर

थकी धसी आँखें देखती रही मंज़र  
माँ चली गई सपने समेट कर

अब किससे कहूं की मेरे लिए दुआ कर 
रोमिल, माँ चली गई आशीर्वाद समेट कर.

#रोमिल

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