Thursday, March 1, 2012

माँ होती है बच्चों के लिए विद्या की खान.

विद्या का देती है खुला दान
कंठ में वाणी भर सिखाती है अमृतबान
शब्दों की रचना, अर्थ की पहचान
भाव, रूप, छंद, वेदों का ज्ञान
माँ होती है बच्चों के लिए विद्या की खान. 
रोमिल माँ होती है बच्चों के लिए विद्या की खान.
***
पढ़ाती है मन से
हाथ की उंगलियाँ पकड़ कर करती है जतन
कभी संग गुनगुनाती है
कभी चित्र बनाती है
कभी लोक व्यवहार सिखाती है
कभी व्यायाम 
तो 
कभी कमरे को शिक्षा के संदेशों से सजाती है
माँ जब बच्चों को पढ़ाती है.
रोमिल माँ जब बच्चों को पढ़ाती है.

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