Sunday, March 11, 2012

रह - रह कर माँ ध्यान तुम्हारा आया.

आज दिन कुछ इस तरह बिताया
रह - रह कर माँ ध्यान तुम्हारा आया.

चन्दन- धूप से की शिव की आरती, तुझे फूल चढ़ाया
रह - रह कर माँ ध्यान तुम्हारा आया. 

झर झर के बहे आंसू, तुम्हारी तस्वीर को गले लगाया
रह - रह कर माँ ध्यान तुम्हारा आया.

काफी की चुस्की के साथ जब पाव - भाजी खाया
रह - रह कर माँ ध्यान तुम्हारा आया. 

चाँद के संग जब तारों का झुण्ड अंगने में आया
रह - रह कर माँ ध्यान तुम्हारा आया.

आज दिन कुछ इस तरह बिताया
रह - रह कर माँ ध्यान तुम्हारा आया.

- रोमिल

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