माँ की आरामदायक गोद
जिसमें मैं चैन की नींद सोता था.
उनकी बाँहों का दवाब
जिसमें मैं सुबकते हुए रोता था
उनकी धीमी, मीठी मिसरी सी बोली
जिसमें मैं खो जाता था
मुझे पीछे से जकड़कर घुमा देना
तब मैं ख़ुशी से खिलखिलाता था.
मेरे बालों को सहलाकर जब वोह "मेरा बेटा" कहती है
मैं गर्व महसूस करता था.
- रोमिल
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