आँखें घड़ी से हटा लूँगा
मैं ज्यादा घूमूँगा
ज्यादा पतंगे उड़ाऊँगा
ज्यादा खेलूँगा
मैदान में खूब दौड़ लगाऊंगा
सितारों को छूऊंगा
चाँद को गले लगाऊंगा
बादलों का घर बनाऊंगा
प्रेम से सबसे बोलूँगा
प्रेम करना सबको सिखाऊंगा
जब मैं माँ के पास जाऊंगा
फिर से बच्चा बन जाऊंगा.
- रोमिल
मैं ज्यादा घूमूँगा
ज्यादा पतंगे उड़ाऊँगा
ज्यादा खेलूँगा
मैदान में खूब दौड़ लगाऊंगा
सितारों को छूऊंगा
चाँद को गले लगाऊंगा
बादलों का घर बनाऊंगा
प्रेम से सबसे बोलूँगा
प्रेम करना सबको सिखाऊंगा
जब मैं माँ के पास जाऊंगा
फिर से बच्चा बन जाऊंगा.
- रोमिल
No comments:
Post a Comment