Friday, March 30, 2012

जब मैं माँ के पास जाऊंगा

आँखें घड़ी से हटा लूँगा
मैं ज्यादा घूमूँगा
ज्यादा पतंगे उड़ाऊँगा
ज्यादा खेलूँगा
मैदान में खूब दौड़ लगाऊंगा
सितारों को छूऊंगा
चाँद को गले लगाऊंगा
बादलों का घर बनाऊंगा
प्रेम से सबसे बोलूँगा
प्रेम करना सबको सिखाऊंगा
जब मैं माँ के पास जाऊंगा
फिर से बच्चा बन जाऊंगा.



- रोमिल

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