Sunday, April 1, 2012

सपने में देखा

सपने में देखा
मैं, समुन्दर के किनारे-किनारे अकेला चल रहा हूँ
रेत पर मेरे कदमो के निशान बनते जा रहे है
आसमान काला हो चला है
हवा सर्द हो चली है...


कुछ पलों के बाद मैंने देखा
सूरज किरणे फैलाये मेरी तरफ आ रहा है
और 
मैं, माँ के साथ समुन्दर के किनारे-किनारे चल रहा हूँ
मेरे हाथों को माँ ने अपने हाथों में जोर से पकड़ा हुआ है
रेत पर हम दोनों के कदमो के निशान बनते जा रहे है
आसमान सफ़ेद हो चला है.


माँ बोली
तू मेरा बहादुर बेटा है
काली रात को तूने अकेले ही तह कर लिया
अब मैं तेरे साथ हूँ और 
तेरी ज़िन्दगी में उजाला ही उजाला है.


- रोमिल

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