Tuesday, April 24, 2012

माँ की तलाश में भटकते है रात भर

माँ की तलाश में भटकते है रात भर
मेरे नैना सोते नहीं है रात भर

मेरे गुनाहों का सबब है या फिर पश्चाताप
निगाहों से बंद होते नहीं है आंसू रात भर

माँ जन्नत में हो या फिर मेरे करीब कहीं
खुश रहे हमेशा
लब मेरे यही दुआ देते है रात भर.

सूरज उदय होते ही माँ लौट आएगी मेरे पास
यही खुद को तसल्लियाँ देता हूँ रात भर.

- रोमिल

No comments:

Post a Comment