Wednesday, April 25, 2012

सुबह आँखों का नर्म पाना

सुबह आँखों का नर्म पाना
समझ जाना रात में माँ का खवाब में आना.

मुस्कुराते हुए चहरे का भुझ जाना
समझ जाना तोहफा पाते माँ की याद आना.

न कुछ हासिल होना, बस छटपटाना
बादलो में माँ का चेहरा दिख जाना.

बस यही आदत बुरी लगती है अपनी
माँ को याद कर आंसू बहाना.

- रोमिल 

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