सुबह आँखों का नर्म पाना
समझ जाना रात में माँ का खवाब में आना.
मुस्कुराते हुए चहरे का भुझ जाना
समझ जाना तोहफा पाते माँ की याद आना.
न कुछ हासिल होना, बस छटपटाना
बादलो में माँ का चेहरा दिख जाना.
बस यही आदत बुरी लगती है अपनी
माँ को याद कर आंसू बहाना.
- रोमिल
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