Sunday, April 29, 2012

माँ ने सीखाया है

माँ ने सीखाया है 
भोर होते ही पंछी को दाना खिलाया करो-पानी पिलाया करो
शाम होते ही फकीरों को खाना खिलाया करो.

जितनी बड़ी हो चादर उतना ही पैर पसारा करो
पैसा उड़ाने से पहले कमाया करो.

ज़िन्दगी क्या है खुद समझ जाओगे
कभी बच्चे की तरह रोया करो 
कभी बच्चे की तरह मुस्कुराया करो.

चाहे सोने को मिले दो गज़ ज़मीन ही
आसमान को हमेशा निहारा करो.

और 

ना त-आरूफ़ ना त-अल्लुक हो जिससे
उससे भी कभी ज़िन्दगी में इश्क फ़रमाया करो.

- रोमिल 




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