आज जमकर रोया हूँ
नाज़ क़सम, फ़ूट-फ़ूटकर रोया हूँ
बरसात की तरह बस बरसती जा रही थी आँखें
सिसकियों में बस खो सी गई थी आवाज़ें।
आज़ बचपन का रोना याद आ गया...
बहती हुई नाक को शर्ट की आस्तीनों से पोछना याद आ गया.…
आज की बेईज़्ज़ती याद रहेगी
नाज़ क़सम, फ़ूट-फ़ूटकर रोया हूँ
बरसात की तरह बस बरसती जा रही थी आँखें
सिसकियों में बस खो सी गई थी आवाज़ें।
आज़ बचपन का रोना याद आ गया...
बहती हुई नाक को शर्ट की आस्तीनों से पोछना याद आ गया.…
आज की बेईज़्ज़ती याद रहेगी
मैं कुछ नहीं बोलूंगा, न जवाब दूँगा
मेरी नाज़ देगी
तुम्हारे हर एक इ-मेल का, तुम्हारे हर एक सवाल का...
नाज़ कसम...
#रोमिल
मेरी नाज़ देगी
तुम्हारे हर एक इ-मेल का, तुम्हारे हर एक सवाल का...
नाज़ कसम...
#रोमिल
No comments:
Post a Comment