Friday, July 22, 2011

कुछ ख़वाब से जमें है आँखों के आसपास

▬▬हुकू▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬
कुछ ख़वाब से जमें है आँखों के आसपास
जो जागने नहीं देते 
जो सोने भी नहीं देते...

डर लगता है अक्सर खुश्क पत्तों को हवा से
जो चैन से बैठने नहीं देते 
जो चैन से उड़ने भी नहीं देते...

इतनी किताबें पढ़ने के बाद भी रोमिल
कागज़ के पन्ने इंसानियत नहीं देते 
कागज़ के पन्ने किसी को भी रोटी नहीं देते 

नफरतों की यह कैसे आंधी चल पड़ी है रोमिल
जो मोहब्बत नहीं देते 
जो मोहब्बत करने भी नहीं देते...
(⁀‵⁀) .
.`⋎´
▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬[भालू]▬▬▬

No comments:

Post a Comment