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Tuesday, May 6, 2014

मैं भांगड़ा सीखना चाहता हूँ !

नाज़..... मैं भांगड़ा सीखना चाहता हूँ !

सच.… बाबा.… वह पोशाक… वोह स्टाइल… वोह सॉंग… वोह माहौल.… सब कितना अच्छा लगता है… मैं भी भांगड़ा सीखना चाहता हूँ !

सूरमा पंजाब नु बिलोंग करता न काम रॉन्ग करता.… 

हा हा हा

Tuesday, April 10, 2012

मैं गोल्फ खेलना चाहता हूँ...

मैं गोल्फ खेलना चाहता हूँ... बड़ा अच्छा लगता है गोल्फ की पोशाक पहनना. पेड़ों और घास की खुशबू महसूस करना. अलग-अलग मौसमों का मज़ा लेना - हवादार दिन, ठण्ड के बादल भरे दिन और गर्मी की धूप भरी सुबह. चिचिहती हुई चिड़ियाँ, भागती हुई गिलहरियाँ, खूबसूरत मैदान. हाथों में क्लब की पकड़ महसूस करते हुए. शाट का अभ्यास करते हुए, गेंद को उछलते हुई देखना, टप्पा खाना, होल्स में जाना. रायल गेम.  

काश मेरी ज़िन्दगी में भी गोल्फ की संभावना होती...

मैं horse riding करना चाहता हूँ...


मैं horse riding करना चाहता हूँ... बचपन में घोड़े के पीछे तो बहुत भागा, मगर कभी उसकी पीठ पर बैठकर हवा से बातें नहीं की... अब हवा से बातें करना चाहता हूँ, पर्वतों पर चढ़ना चाहता हूँ, समुन्दर के किनारे दौड़ लगाना चाहता हूँ... ढलती हुई शाम को देखना चाहता हूँ... उगते हुए सूरज को देखना चाहता हूँ... बहते हुए पानी में दौड़ना चाहता हूँ...

काश मेरी ज़िन्दगी में भी horse riding की संभावना होती...

Wednesday, September 14, 2011

मैं एक बार द्वीप पर जाना चाहूँगा...

मैं एक बार द्वीप पर जाना चाहूँगा... और चाहता हूँ कि उस द्वीप को तुम्हारे नाम से खरीदूं... जिसका नाम भी मैं तुम्हारे नाम पर रखूँ... वहां पर हर चीज़ का नाम तुम्हारे नाम पर हो... सच्ची... सब कुछ नाज़ नाम से...

अरे बाबा मैं जानता हूँ... मुझे याद है... तुम्हारे नाम से एक स्कूल भी बनवाना है... एक गाय तुम्हारे नाम से लेनी है... एक पेड़ तुम्हारे नाम से लगाना है... कई पंछी तुम्हारे नाम से रख कर हवा में उड़ाने है...

काश तुम जन्नत में न होती... तोह मेरी ज़िन्दगी में भी बहुत सारी संभावनाएं होती...

Monday, September 12, 2011

मैं पर्वतों के बीच जाना चाहता हूँ...

मैं पर्वतों के बीच जाना चाहता हूँ... बहते हुए झरने में नहाना चाहता हूँ... boating करना चाहता हूँ... पर्वतों पर खड़ा होकर जोर-जोर से तेरा नाम पुकारना चाहता हूँ... वहां पर्वत पर तुम्हारा नाम लिखकर आना चाहता हूँ... ढलती हुई शाम को देखना चाहता हूँ... उगते हुए सूरज को देखना चाहता हूँ... बहते हुए पानी की आवाज़ सुनना चाहता हूँ...

काश.. तुम जन्नत में न होती... मेरी ज़िन्दगी में भी boating की संभावना होती...

Saturday, September 10, 2011

मैं ज़िन्दगी में एक बार cruise ship पर जाना चाहूँगा...


मैं ज़िन्दगी में एक बार cruise ship पर जाना चाहूँगा... वो समुंदर के बीच का सफ़र... चारों तरफ पानी ही पानी... जहाँ भी नज़र जाये बस पानी ही पानी...नीला नीला पानी... वो ठंडी - ठंडी हवा का चलना... कहीं दूर से आती हुई आवाज़... जब रात हो तो वो जगमगाता हुआ cruise ship समुन्दर के बीच में चला जाता हुआ.... सूरज की पहली किरण को देखना... वो तुम्हारे साथ चाँद को ढलते हुए देखना... वो तारों से जगमगाती हुई रात को देखना...

काश.. तुम जन्नत में न होती... मेरी ज़िन्दगी में भी cruise ship पर जाने की संभावना होती...

Friday, September 9, 2011

मैं चाहता हूँ Ice Skating करना..


मैं चाहता हूँ Ice Skating करना... दोनों हाथ खोलकर... हवा से बातें करना चाहता हूँ... कभी तुम्हारा हाथ पकड़कर, एक पैर हवा में करके घुमना चाहता हूँ...

कभी तुम्हारा हाथ पकड़ बर्फ की वादियों से गुज़रते हुए... तो कभी बर्फ के साथ हम तुम खेलते हुए...

और वो वाला गाना...

"ओ साथी चल... हवा के साथ-साथ, घटा के संग-संग... ओ साथी चल"

काश... तुम जन्नत में न होती... मेरी ज़िन्दगी में भी Ice Skating की भी संभावना होती...

Thursday, September 8, 2011

वैसे एक घर होना चाहिए...

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वैसे एक घर होना चाहिए, जैसा मैं चाहता हूँ... जैसा मैंने डिजाईन किया है... छोटा सा... जिसमे ढेर सारा प्यार... ओरंगे रंग के परदे वो जो थोडा सा, बस थोडा सा डार्क होता है और जिसमे शेड होते है... मेहंदी रंग के परदे... सफ़ेद रंग की दीवारे... नीले रंग के शेड, डिजाईन के साथ... एक दम सिम्पल... और प्यारा सा डॉग... बिलकुल tuffy जैसा... वो घर जहाँ मैं जाकर खुश महसूस कर सकूँ ... जिस घर को मैं खुद सजा सकूँ...

मेरी ज़िन्दगी में भी कुछ संभावना होती...

Tuesday, September 6, 2011

मैं संगीत सीखना चाहता हूँ...

मैं संगीत सीखना चाहता हूँ...

काश... कोई ऐसा होता जो मुझे संगीत सिखाता... मुझे अपने सुरों में बांध लेता... उसके संगीत के लय में, मैं सब कुछ भूल जाता... बस उसकी आवाज़ के जादू में मैं हमेशा खोया रहता... कभी - कभी मेरे साथ भी गाती, जानता हूँ मेरी आवाज़ अच्छी नहीं है... 

काश तुम जन्नत में न होती... मेरी ज़िन्दगी में कुछ संगीतमय संभावना होती...

Monday, September 5, 2011

नाज़... कुछ innovative होना चाहिए न...

नाज़... कुछ innovative होना चाहिए न... 

लड़की खुद आती और कहती... यह शादी के reception का कार्ड प्रिंट हो गया है... यह रही रिंग हम दोनों के लिए... मैंने कोर्ट से शादी की डेट ले ली है... आप समय से कोर्ट आ जाना... हम दोनों की शादी है...

मैं आपके घर, यानि हमारे घर जाकर देख लूंगी कि हमको क्या - क्या सामान और खरीदना पड़ेगा... मैं लिस्ट बना लेती हूँ... आप दो दिन छुट्टी ले लो... हम भी छुट्टी ले लेंगे... फिर चल कर सामान बुक करवा देंगे... 

आप एक दिन और छुट्टी ले लेना... हम लोगों को शादी की भी थोड़ी सी शोपिंग करनी होगी न... 

मैं कहता तुम हो कौन... कहाँ से प्रकट हुई हो... सीधे जन्नत से आ रही हो क्या???

हा हा हा... 

नाज़... काश तुम जन्नत में न होती... मेरी ज़िन्दगी में कुछ ऐसी भी मजेदार संभावना होती...