Wednesday, January 19, 2011

कुछ फूल, पैरों से भी मसले जाते हैं...

औरत पर जुर्म करके मर्द कहलाते हैं
कुछ फूल, पैरों से भी मसले जाते हैं...
*
मोहब्बत करना तोह आज कल का सिर्फ फैशन हैं
फिर पता नहीं लोग क्यों ताजमहल देखने जाते हैं...
*
दौलत की हवस ने इंसान को शैतान बना दिया हैं
फिर न जाने इंसान क्यों भगवान् को पूजने जाते हैं...
*
कल अखबार में पढ़ा था "रोमिल"
एक बाप ने अपनी बेटी को बेआबरू किया
फिर न जाने माँ-बाप क्यों भगवान् कहलाते है...
[written by romil - copyright reserved]

Tuesday, January 18, 2011

Har Jiyo Nimaniyan Tu Maan

Har jiyo nimaniyan tu maan
Nacheejeya cheej kare mera govind teri kudhrath ko kurbaan
Teri kudrat ko kurbaan
Har jiyo nimaniyan tu maan
SATNAM SRI WAHEGURU JEE
SRI WAHEGURU JEE
SRI WAHEGURU JEE
*
Sri Waheguru Jee sabko sukh-shanti baksheesh karna
NaaZ ka khayal rakhana
SATNAM SRI WAHEGURU JEE  

जाने कैसे बाबा हैं यह...

निंबो और मिर्च में भूत-प्रेत बाँध लेते हैं
जाने कैसे बाबा हैं यह
सोने को दुगना कर देते हैं...
*
झाड़ू मार-मार कर बीमारी भगा देते हैं
जाने कैसे बाबा हैं यह
अंगूठीयों से तकदीर सवार देते हैं...
*
रूपया के दम पर भगवान् को मना लेते हैं
जाने कैसे बाबा हैं यह
बुरे कर्मो को भी सुधार देते हैं...
[written by romil - copyright reserved]

Monday, January 17, 2011

रोमिल V/S रोमिल

रोमिल V/S रोमिल  

रोमिल१ - भैया, आपकी ज़िन्दगी में शायरी, कविता क्या माने रखती हैं???
रोमिल२ - बस अपने जस्बातों को शब्दों में बयान करना...

और यह सच बात हैं कि मुझसे ख़राब इस दुनिया में कोइए नहीं लिखता होगा... पता नहीं में क्या-क्या उल्टा सीधा लिखा करता हूँ....

जिगर मोरादाबादी जी ने बहुत खूब कहाँ था..
"yeh ishq nahin aasaan bas itna samaj lijiye,
eik aag ka dariyaa hai aur doob ke jaana hai"

निदा फाजली जी ने बहुत खूब कहाँ था..

"hosh vaalon ko khabar kya bekhudii kya cheez hai

ishq kijiye phir samajhiye zindagii kya cheez hai"
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मन से सुन्दर रहो यार...

ੴ SRI WAHEGURU JEE ੴ

Naam Simran for the rest of your life. The benefits of Naam Simran are:

1. You are fulfilling the true purpose of this life in human form.
2. It helps remove all physical ailments, sicknesses and tensions. it is therapy, and Waheguru’s our doctor.
3. It makes you sharper and more focused. It strengthens your mind.
4. In today’s fast crazy world it relieves stress.
5. It enhances your life generally and it is the key to our salvation.
6. It draws ‘good elements’ towards you and wards off the evil.
7. It raises your self esteem, puts you in a state of ‘Chardi Kala’ which brings you success in life.

TOH JAPO SATAM SRI WAHEGURU JEE

ੴ SRI WAHEGURU JEE 

ੴ SRI WAHEGURU JEE 

ੴ SRI WAHEGURU JEE 

ੴ SRI WAHEGURU JEE 

ੴ SRI WAHEGURU JEE 

ੴ SRI WAHEGURU JEE 

****
SRI WAHEGURU JEE SABKI ARDAS SUNO
SABKI RAKSHA KARO
NAAZ KA KHAYAL RAKHANA

ੴ SRI WAHEGURU JEE 

जाने कैसा फैसला हो गया

जाने कैसा फैसला हो गया
कि दोनों के बीच फासला हो गया...
*
जिसकी सर की कसमे खाते थे दोनों
वही आज एक-दूसरे के लिए दुश्मन हो गया...
*
खुदा जाने कैसी हवा चली है यह
महबूब ही महबूब का कातिल हो गया...
*
रोती आँखों से सुनाया था उस लड़की ने अपना दर्द
अखबार के लिए खबर, 
दुनिया के लिए तमाशा हो गया...
[written by romil - copyright reserved]

Sunday, January 16, 2011

रोमिल V/S रोमिल

रोमिल V/S रोमिल  

रोमिल१ - क्या कभी बिना चाहे भी कोई चीज़ मिलती है?
मेरा कहने का मतलब ये हैं के जो कुछ आपको आज मिला हैं, क्या वो कभी आपने चाह नहीं होगा? और जो आप अब पाना चाहते हो, किसी चीज़ को पाने के लिए इश्वर से प्रार्थना करते हो, तोह क्या वो चीज़ कभी न कभी तुम्हे मिलेगी?

भाई, आप क्या कहोगे???

रोमिल २ - तुम्हारी, इस बात पर मझे अपना बचपन का क्लास रूम याद आ रहा हैं... और उस क्लास रूम में एक्साम देता हुआ मैं...

जब में एक्साम देता था... तब मुझे इतना पता होता था... मुझे १०० में से ८०+ ही मार्क्स आयेंगे.. मगर कभी-कभी एक्सामिनेर मुझे कम मार्क्स दे देता था, ८० से कम मार्क्स देता था... और कभी - कभी किसी एक्साम में मुझे एक्सामिनेर ९० मार्क्स भी दे देता था... मेरी उम्मीद से ज्यादा मार्क्स.... 

इसी पर कुछ बात कहने की कोशिश करूँगा...

१. हमेशा खुद में विश्वास रखो... इतना मुझे मिलेगा ही... इतना मुझे मिलेगा ही... मैंने ८०+ की मेहनत की हैं तोह मुझे उतना मिलना ही चाहिए...  

७५ मार्क्स तक भी चलेगा... मगर मैंने मेहनत ८०+ की हैं और आप मुझे ४० मार्क्स दे रहे हैं तोह यह मुझे बिल्कुल भी स्वीकार नहीं होगा... चाहे मुझे अपने हक के लिए लड़ना ही क्यों न पड़े???

और न आप अपने साथ ऐसा स्वीकार करेंगे...

२. अपनी काबिलियत का खुद मूल्यांकन जरुर करे... आपसे अच्छा आपका मूल्यांकन कोइए नहीं कर सकता हैं... आपसे अच्छे आपकी मेहनत का कोइए मार्क्स नहीं दे सकता हैं... खुद से झूठ मत बोले... खुद का सच्चाई से मूल्यांकन करे... 

३. जब आपने +८० मार्क्स की मेहनत की होती हैं और आपको ९०+ मिल जाता था... यह इसलिए होता हैं क्यूंकि एक्सामिनेर की नज़र में आपकी मेहनत के ज्यादा मार्क्स हैं, उससे आज तक इतनी मेहनत वाला कोइए नहीं मिला...

ठीक उसी तरह जिस तरह बॉस यह समझता हैं की यह कर्मचारी मेरे लिए ज्यादा उपयोगी हैं... इसकी पदोंउन्नति करनी चाहिए... इसकी सलारी बढ़ानी चाहिए... इसको ज्यादा जरुरी काम में लगाना चाहिए... 

४. कोइए भी अविष्कारक तभी सफल होता हैं... जब उसे अपनी मेहनत पर पूरा यकीन होता हैं... फिर चाहे वोह हज़ार बार खुद को नया मौका क्यों न दे...

दुनिया उसे बेवकूफ कहती रहे... मगर वोह सफल होता हैं... नया इतिहास लिखता हैं... क्यूंकि वोह अपनी मेहनत के सही मार्क्स से कभी समझौता नहीं करता...

५. श्री कृष्ण भगवान् ने यह जरुर कहाँ हैं की "कर्म करो, फल की चिंता मत करो"... क्यूंकि वोह जानते थे अगर इंसान +८० की मेहनत करेगा, तोह जरुर उसे +८० मिलेगा, इसके लिए उसे चिंता करने की कोइए जरुरत नहीं हैं...

मन से सुन्दर रहो यार...