Sunday, June 8, 2014

इनके सर से कभी दुपट्टा नहीं उतरता है

इनके सर से कभी दुपट्टा नहीं उतरता है
यह हमारे घर की बेटियाँ है
सीने के लाल को पीठ पर बांध रण-भूमि में उतर जाती है.

#रोमिल

हंगामा जितना चाहे तुम मचा लो

हंगामा जितना चाहे तुम मचा लो 
मुफलिसी का दौर है मियां, चाहो जितनी बातें तुम सुना लो
मैं चुप हूँ बस कुछ दिनों के लिए
वर्ना 15000 रूपया महीना तो हमारे घर के कुत्ते का खर्चा था.

#रोमिल

Saturday, June 7, 2014

मजनू कोई भी हो उसका नाम लैला के बाद ही आएगा।

मियां, नाम में क्या रखा है नाम तो एक दिन खो जायेगा,
मजनू कोई भी हो उसका नाम लैला के बाद ही आएगा।

#रोमिल

zalzala bankar

zalzala bankar kisi roz na main baras jayun un par
jo yeh sochate hai ki yeh mausam kabhi barasta hi nahi...

#Romil

ज़लज़ला बनकर किसी रोज़ ना मैं बरस जाऊँ उनपर
जो यह सोचते है यह मौसम कभी बरसता ही नहीं...

#रोमिल

घर की छतें मिली हुई है, दोस्त बदलते देखे है

मियां, इन बूढ़ी आँखों ने जलते शहर देखे है  
घर की छतें मिली हुई है, दोस्त बदलते देखे है!

#रोमिल

तुम्हें क़बूल हो तो

इज़्ज़त गई, नाम गया, दौलत-शौहरत गई
रह ही क्या गया है इस सुल्तान के पास तुम्हें देने को
तुम्हें क़बूल हो तो यह ज़िन्दगी दे दूँ.

#रोमिल

Wednesday, June 4, 2014

Miya... darr kaisa?

Miya... darr kaisa?

ek na ek din yeh humgama hona hi hai
woh khadi hogi apne parchhatte pe
aur uski gali se apna janaza gujarna hi hai....

#Romil 

मियां... डर कैसा ?

एक न एक दिन यह हंगामा होना ही है
वोह खड़ी होगी अपने परछत्ते पे
और उसकी गली से अपना जनाज़ा गुजरना ही है.

#रोमिल