Monday, January 10, 2011

आपकी क़सम

कोई हमसा दीवाना मिले
ढूँढ रहे हैं हम 
आपकी क़सम
*
गली-गली ढूँढा उसे पर उससे मिल न सके हम
आपकी क़सम
*
वोह खूबसूरत आवाज़
वोह शौक़-ए-मुस्कान
कही इसी आरज़ू में मर न जाये हम...
आपकी क़सम 
*
जब तक न पाएंगे उससे
यूँही सफ़र में रहेंगे हम 
आपकी क़सम
[written by Romil - copyright reserved]

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