आज भी कितना दर्द देता हैं
परिंदा तेरा शाख पर बोलना...
किसी की याद दे जाता हैं
परिंदा तेरा शाख पर बोलना...
कोइए आने वाला हैं, एहसास दे जाता हैं
परिंदा तेरा शाख पर बोलना...
घर के मुंडेर से कोइए चुपके से लौट रहा हैं, बता देता हैं...
परिंदा तेरा शाख पर बोलना...
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