Friday, December 31, 2010

रोमिल V/S रोमिल

रोमिल V/S रोमिल

रोमिल - Possessive भैया आप क्या कहोगे???

रोमिल - कहना चाहू तोह बहुत कुछ कह सकता हूँ... बहुत कुछ किताबों में पढ़ा हैं... बहुत सारे possessive होने के disadvantage भी होते हैं और कुछ advantage भी होते हैं... 

चलो छोड़ो अपने बारे में बताता हूँ...

नाज़... को लेकर में बचपन से आज तक बहुत ही ज्यादा possessive हूँ... आज वोह इस दुनिया में नहीं हैं, फिर भी मैं बहुत ज्यादा possessive हूँ... मुझे याद हैं बचपन मैं पसंद नहीं करता था की वोह किसी से भी दोस्ती करे... कोइए भी उसका मेरे सिवा दोस्त हो... 

यहाँ तक मैं कभी-कभी उसके साथ किसी को भी बेंच पर बैठने नहीं देता था... कोइए उसके बारे में पूछ बैठे तोह गुस्सा कर्ता था... सच्ची...

मगर  एक बार नाज़ ने खुद मुझसे कहाँ "जब हमारे खुद की रूह, शरीर, मन पर हमारा अधिकार नहीं हैं... यह उस अल्लाह का दिया हुआ हैं, फिर किसी और पर अपना स्वमिगत दिखाना कितना सही होगा... पर उस अल्लाह ने हमको यह अधिकार जरुर दिया हैं की इसको सवारे, सुन्दर बनाये, अल्लाह की राह पर लगाये"

यह बात हमको आज तक याद हैं...

तब भी मैं नाज़ को लेकर बहुत ज्यादा possessive था... और आज भी बहुत हूँ...

ठीक उसी बच्चे की तरह जो अपना teddy bear किसी को नहीं देता... हा हा हा हा हा हा 
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अच्छा मैं गुन को लेकर कभी भी possessive नहीं रहा... वोह इसलिए क्यूंकि मुझे गुन के प्यार पर विश्वास था... चाहे उसने चीकू, अविनाश, प्रतिक, निनान, एक सिख भी था... के बारे में भी बताया... तब भी मैं कभी भी possessive नहीं हुआ क्यूंकि मुझे गुन पर विश्वास था... 
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मन से सुन्दर रहो बस... 

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