Wednesday, July 20, 2011

आपकी भावनाएँ ही आपका ईश्वर है.

"आपकी भावनाएँ ही आपका ईश्वर है." 

चाणक्य (३५०-२७५ ई. पू.)
भारतीय कूटनीतिज्ञ और लेखक

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