जय रघुनन्दन जय घनशाम। पतित पावन सीताराम॥
भीड़ पड़ी जब भक्त पुकारे। दूर करो प्रभु दु:ख हमारे॥
दशरथ के घर जन्में राम। पतित पावन सीताराम॥१॥
दशरथ के घर जन्में राम। पतित पावन सीताराम॥१॥
!!जय सियाराम!!
!!जय सियाराम!!
!!जय सियाराम!!
***
हे राम सबका कल्याण करना
हे राम सबके जीवन में खुशियाँ लाना
सबको सुख-शांति देना
नाज़ का ख्याल रखना
!!जय सियाराम!!
!!जय सियाराम!!
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हे राम सबका कल्याण करना
हे राम सबके जीवन में खुशियाँ लाना
सबको सुख-शांति देना
नाज़ का ख्याल रखना
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