Friday, September 2, 2011

जयदेव जयदेव जय मंगल मूर्ति हो श्रीमंगल मूर्ति

(जयदेव जयदेव जय मंगल मूर्ति हो श्रीमंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनन कामना पूर्ति जयदेव जयदेव ) - २
सिंदूर लाल चढायो अपने ही मनन का
सुन्दर लाल विराजे सूत गौरी -शिव का
हाथ में है गूढ़ लड्डू प्रभु गजानन के
महिमा कहू तो कैसे , झुकाऊ सर पद में , जयदेव जयदेव
जय गणपति बप्पा की
जय श्री गणेश
***
श्री गणपति बप्पा सब पर अपनी कृपा करना
सबको दुःख से दूर रखना
सबको सुख-शांति देना
नाज़ का ख्याल रखना

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